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8 Apr 2024 · 1 min read

3244.*पूर्णिका*

3244.*पूर्णिका*
🌷 मौसम की तरह आदमी देखो🌷
22 212 212 22
मौसम की तरह आदमी देखो।
जहरीले यहाँ आदमी देखो ।।
अपना हम किसे माने सच में ।
बेगाना यहाँ आदमी देखो।।
करते हैं मजा रोज प्यारे अब ।
जीते शान से आदमी देखो।।
लेकर हाथ में बागडोर जहाँ ।।
यूं राजा बने आदमी देखो।।
है परवाह कुछ भी नहीं खेदू।
बेकार सा यहाँ आदमी देखो।।
……✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
08-04-2024सोमवार

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