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4 Apr 2024 · 1 min read

3233.*पूर्णिका*

3233.*पूर्णिका*
🌷 तू तो चाह बदलने लगे🌷
22 22 2212
तू तो चाह बदलने लगे।
अपनी राह बदलने लगे ।।
रंग यहाँ देखो किस्मत की।
सजन निगाह बदलने लगे।।
नफरत मुहब्बत के शहर में।
अपनी बांह बदलने लगे।।
जिंदा रहने का शौक है ।
दिल की आह बदलने लगे।।
सागर हैं खेदू प्यार का ।
अपनी थाह बदलने लगे।।
………✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
04-04-2024गुरुवार

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