3229.*पूर्णिका*
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3229.*पूर्णिका*
🌷 मुझको यकीं तुझ पर🌷
2212 22
मुझको यकीं तुझ पर ।
तुझको यकीं मुझ पर ।।
आगे बढ़े हरदम।
हालात से जुझ कर ।।
मिलती यहाँ मंजिल ।
न पहेलियाँ बुझ कर ।।
ना हम कभी घबराते।
अलग कदम समझ कर ।।
जान जिगरा खेदू।
यूं मत रह उलझ कर ।।
………✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
03-04-2024बुधवार