3228.*पूर्णिका*
3228.*पूर्णिका*
🌷 दिल की बात जुबां पे आ गई🌷
22 22 22 212
दिल की बात जुबां पे आ गई ।
तेरी ये आज अदा छा गई ।।
महके अपनी देखो जिंदगी।
रंग यहाँ चाहत की भा गई ।।
खुद से ज्यादा हम करते यकीं ।
सच में यारा मंजिल पा गई ।।
दुनिया बदले सुंदर सोच से।
अपनी नैया पार लगा गई ।।
पाकर खुश खेदू साथी तुम्हें ।
जीने की नव आस जगा गई ।।
……✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
03-04-2024बुधवार