3222.*पूर्णिका*
3222.*पूर्णिका*
🌷 रिश्ता बनाये नहीं बन जाते हैं🌷
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रिश्ता बनाये नहीं बन जाते हैं ।
सुजान सीना यहाँ तन जाते हैं ।।
जरा जरा जिंदगी जाहिर करते।
सुने नहीं बात कुछ ठन जाते हैं ।।
जहाँ कहीं जंग में शामिल रहते।
न गोलियां चल दनादन जाते हैं ।।
कहे हमें मेहनत मंजिल अपनी।
मिले खुशी ना कभी धन जाते हैं।।
अच्छे-बुरे कुछ नहीं कहते खेदू ।
दिली इच्छा नेक छ्न जाते हैं ।।
……….✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
01-04-2024सोमवार