3215.*पूर्णिका*
3215.*पूर्णिका*
🌷 * पल पल बदलता है मौसम*🌷
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पल पल बदलता है मौसम ।
हरदम उछलता है मौसम ।।
दुनिया अंचभित हो जाती ।
कैसे मचलता है मौसम।।
बारिश में सर्दी गरमी भी।
बस मूँग दलता है मौसम ।।
कुछ मतलब नहीं सच पूछो ।
बेजान चलता है मौसम ।।
जाने जिंदगी क्या खेदू।
बेहिचक छलता है मौसम ।।
……..✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
30-03-2024शनिवार