3192.*पूर्णिका*
3192.*पूर्णिका*
🌷 कुछ भी करने की हिम्मत नहीं करते🌷
22 22 22 22 22
कुछ भी करने की हिम्मत नहीं करते।
आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं करते।।
देख मुसीबत घबराते लोग यहाँ ।
जीने मरने की हिम्मत नहीं करते।।
पाले फिरते कुछ वहम अहम दिल में ।
वक्त से लड़ने की हिम्मत नहीं करते ।।
भूखे भजते मिलता भगवान कहाँ।
समर्पित रहने की हिम्मत नहीं करते ।।
दुनिया भर की खुशियांँ त्यागे खेदू।
इंसां लेने की हिम्मत नहीं करते ।।
……..✍ डॉ .खेदूभारती”सत्येश”
26-03-2024मंगलवार