3182.*पूर्णिका*
3182.*पूर्णिका*
🌷 सपनें देखते बड़े बड़े🌷
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सपनें देखते बड़े बड़े ।
महलें देखते बड़े बड़े।।
नादां लोग क्या करें यहाँ ।
दुनिया देखते बड़े बड़े।।
लफड़े में पड़े न जिंदगी ।
शौकें देखते बड़े बड़े।।
इंसां आज त्याग के बिना।
खुशियांँ देखते बड़े बड़े।।
यूं खेदू चमक बिखेर चल ।
अपने देखते बड़े बड़े ।।
……….✍ डॉ .खेदूभारती”सत्येश”
25-03-2024सोमवार