3165.*पूर्णिका*
3165.*पूर्णिका*
🌷 हैं हम बेचैन यहाँ🌷
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हैं हम बेचैन यहाँ ।
तेरे बिन चैन कहाँ ।।
रातें तनहा दिन भी ।
बस गम में चैन कहाँ ।।
खोये ख्यालों में हम ।
तनिक यहाँ चैन कहाँ ।।
चाहत दिल की जाने।
मुहब्बत में चैन कहाँ ।।
दामन खेदू थामे ।
जाएगा चैन कहाँ ।।
……..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
22-03-2024शुक्रवार
(विश्व जल दिवस)