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20 Mar 2024 · 1 min read

3148.*पूर्णिका*

3148.*पूर्णिका*
🌷 तेरे जज्बे को सलाम करता हूँ🌷
2212 212 1222
तेरे जज्बे को सलाम करता हूँ ।
ये जिंदगी आज नाम करता हूँ ।।
मालूम था कब किसे कहानी ये।
क्या क्या यहाँ तामझाम करता हूँ।।
देखो खड़ी की यहाँ इमारत सब ।
अपना बहा खून काम करता हूँ ।।
होता जहाँ हो कमाल कुदरत का ।
देखे जहाँ सच ललाम करता हूँ ।।
तनहा नहीं साथ है यहाँ खेदू ।
सीखे पढ़े सब कलाम करता हूँ ।।
……..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
19-03-2024मंगलवार

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