3140.*पूर्णिका*
3140.*पूर्णिका*
🌷 प्रेम का रंग लगाएंगे🌷
2122 22 22
प्रेम का रंग लगाएंगे।
आज कदम बढ़ाएंगे।।
बस गले रोज मिले हम ।
खूब चमन सजाएंगे।।
चैन की सो नींद यहाँ ।
लोग मगन बताएंगे।।
वतन के खातिर मरते ।
सर कफन पहनाएंगे।।
शान अपनी है खेदू।
यार खून बहाएंगे ।।
………..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
18-03-2024सोमवार