Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Mar 2024 · 1 min read

3135.*पूर्णिका*

3135.*पूर्णिका*
🌷 देख फिजा का रंग बदले🌷
22 22 2122
देख फिजा का रंग बदले ।
बस जीने का ढंग बदले ।।
आए मुहब्बत के शहर में ।
बाजी अपनी जंग बदले।।
ये दुनिया की रीत जाने।
फर्ज की गलियां तंग बदले।।
लोग तमाशा देखते हैं ।
सोच यहाँ सच दंग बदले ।।
देते हरदम साथ खेदू।
कानून नियम भंग बदले।।
………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
17-03-2024रविवार

151 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वज़्न -- 2122 1122 1122 22(112) अर्कान -- फ़ाइलातुन - फ़इलातुन - फ़इलातुन - फ़ैलुन (फ़इलुन) क़ाफ़िया -- [‘आना ' की बंदिश] रदीफ़ -- भी बुरा लगता है
वज़्न -- 2122 1122 1122 22(112) अर्कान -- फ़ाइलातुन - फ़इलातुन - फ़इलातुन - फ़ैलुन (फ़इलुन) क़ाफ़िया -- [‘आना ' की बंदिश] रदीफ़ -- भी बुरा लगता है
Neelam Sharma
" खास "
Dr. Kishan tandon kranti
...
...
*प्रणय*
खयालात( कविता )
खयालात( कविता )
Monika Yadav (Rachina)
मईया का ध्यान लगा
मईया का ध्यान लगा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
नींद ( 4 of 25)
नींद ( 4 of 25)
Kshma Urmila
पुण्यतिथि विशेष :/ विवेकानंद
पुण्यतिथि विशेष :/ विवेकानंद
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
किस्मत भी न जाने क्यों...
किस्मत भी न जाने क्यों...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मन मंथन पर सुन सखे,जोर चले कब कोय
मन मंथन पर सुन सखे,जोर चले कब कोय
Dr Archana Gupta
अच्छा कार्य करने वाला
अच्छा कार्य करने वाला
नेताम आर सी
पवन
पवन
Dinesh Kumar Gangwar
जो श्रम में अव्वल निकलेगा
जो श्रम में अव्वल निकलेगा
Anis Shah
*सा रे गा मा पा धा नि सा*
*सा रे गा मा पा धा नि सा*
sudhir kumar
मुक्तक
मुक्तक
surenderpal vaidya
***रिमझिम-रिमझिम (प्रेम-गीत)***
***रिमझिम-रिमझिम (प्रेम-गीत)***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ये दिल न जाने क्या चाहता है...
ये दिल न जाने क्या चाहता है...
parvez khan
एक दिन एक बुजुर्ग डाकिये ने एक घर के दरवाजे पर दस्तक देते हु
एक दिन एक बुजुर्ग डाकिये ने एक घर के दरवाजे पर दस्तक देते हु
Rituraj shivem verma
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*खेल खिलौने*
*खेल खिलौने*
Dushyant Kumar
क्या हक़ीक़त है ,क्या फ़साना है
क्या हक़ीक़त है ,क्या फ़साना है
पूर्वार्थ
अद्भुत प्रेम
अद्भुत प्रेम
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
नज़्म - चांद हथेली में
नज़्म - चांद हथेली में
Awadhesh Singh
इंतजार युग बीत रहा
इंतजार युग बीत रहा
Sandeep Pande
मानवता का
मानवता का
Dr fauzia Naseem shad
आवाज़
आवाज़
Adha Deshwal
पसंद तो आ गई तस्वीर, यह आपकी हमको
पसंद तो आ गई तस्वीर, यह आपकी हमको
gurudeenverma198
तेरी महफ़िल में सभी लोग थे दिलबर की तरह
तेरी महफ़िल में सभी लोग थे दिलबर की तरह
Sarfaraz Ahmed Aasee
उम्र गुजर जाती है किराए के मकानों में
उम्र गुजर जाती है किराए के मकानों में
करन ''केसरा''
3742.💐 *पूर्णिका* 💐
3742.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
inner voice!
inner voice!
कविता झा ‘गीत’
Loading...