3119.*पूर्णिका*
3119.*पूर्णिका*
🌷 लोग कितने लाचार हुए🌷
2122 22 22
लोग कितने लाचार हुए।
बेवजह सब बीमार हुए ।।
देश की हालात न बिगड़े ।
देख रोज समाचार हुए।।
नाक कैसे बचते अपनी ।
नीलाम सरे बाजार हुए ।।
ये मतलबी दुनिया यारों ।
जिंदगी का आधार हुए।।
शान झूठी खेदू कहते।
बोल सपनें साकार हुए।।
………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
12-03-2024मंगलवार