3113.*पूर्णिका*
3113.*पूर्णिका*
🌷 मन से मन मिलता है🌷
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मन से मन मिलता है ।
रोज सुमन खिलता है ।।
दुनिया लगती प्यारी।
जब जीवन बनता है ।।
दर्द भी है मुस्कुराहट।
पग पावन बनता है ।।
कांटे भी फूल बने ।
नव दामन मिलता है ।।
साथ निभाते खेदू।
मन भावन बनता है ।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
12-03-2024मंगलवार