3103.*पूर्णिका*
3103.*पूर्णिका*
🌷 सच हमें तुम पर नाज है🌷
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सच हमें तुम पर नाज है ।
सनम दिल की आवाज है ।।
जो भरोसा करते यहाँ ।
बस उन्हीं का तो राज है ।।
जिंदगी अपनी महकती ।
प्यार से पहने ताज है ।।
गीत गूंजे सुंदर जहाँ ।
यूं सजे देखो साज है ।।
लेखनी खेदू बस लिखे।
कल कहाँ अपना आज है ।।
……..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
10-03-2024रविवार