3092.*पूर्णिका*
3092.*पूर्णिका*
🌷 खुश तुम्हें देख हम खुश हुए🌷
212 212 212
खुश तुम्हें देख हम खुश हुए।
खूब है प्यार हम खुश हुए।।
मंजिलें पांव भी चूमती।
आज नवराह हम खुश हुए ।।
गम नहीं बस खुशी बरसते।
चमकते भाग्य हम खुश हुए ।।
जब रखे समझदारी यहाँ ।
तब बढ़ी शान हम खुश हुए।।
सोच आधार खेदू जहाँ ।
यूं बढ़े कदम हम खुश हुए।।
………..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
09-03-2024शनिवार