3087.*पूर्णिका*
3087.*पूर्णिका*
🌷 मुझसा दीवाना कोई नहीं🌷
22 22 22 212
मुझसा दीवाना कोई नहीं।
मरता परवाना कोई नहीं ।।
दुनिया समझे पागल प्यार में ।
यूं देख मस्ताना कोई नहीं ।।
अपने पास हुनर है जीत की ।
सीखा हरवाना कोई नहीं ।।
बालम मुखड़ा तेरा चांद सा।
सच जान लगाना कोई नहीं ।।
दामन थाम लिया खेदू यहाँ ।
यूं साथ छुड़ाना कोई नहीं ।।
………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
08-03-2024शुक्रवार