Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Mar 2024 · 1 min read

3083.*पूर्णिका*

3083.*पूर्णिका*
🌷 हम हवा में बात नहीं करते🌷
212 22 22 22
हम हवा में बात नहीं करते ।
यूं कुछ खुरापात नहीं करते ।।
देखने वाले ना जाने सच ।
बेवजह ही घात नहीं करते।।
फायदा क्या शोर मचाने से ।
बालम खट्टे दांत नहीं करते।।
जिंदगी की है आज कहानी।
जान भी सौगात नहीं करते।।
प्यार है देखो दिल में खेदू ।
साजन करामात नहीं करते ।।
………..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
07-03-2024गुरुवार

1 Like · 160 Views

You may also like these posts

सामाजिक न्याय
सामाजिक न्याय
Rahul Singh
आसू पोछता कोई नहीं...
आसू पोछता कोई नहीं...
Umender kumar
रिश्तों की बंदिशों में।
रिश्तों की बंदिशों में।
Taj Mohammad
कभी उनका
कभी उनका
Dr fauzia Naseem shad
तुम पथ भूल न जाना पथिक
तुम पथ भूल न जाना पथिक
Sushma Singh
मेरा भारत बदल रहा है! (भाग 2)
मेरा भारत बदल रहा है! (भाग 2)
Jaikrishan Uniyal
Stop use of Polythene-plastic
Stop use of Polythene-plastic
Tushar Jagawat
इंसाफ : एक धोखा
इंसाफ : एक धोखा
ओनिका सेतिया 'अनु '
तुम्हारे दिल में इक आशियाना खरीदा है,
तुम्हारे दिल में इक आशियाना खरीदा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अतीत
अतीत
"एकांत "उमेश*
दस्तक भूली राह दरवाजा
दस्तक भूली राह दरवाजा
Suryakant Dwivedi
मैंने यह जान लिया कि....
मैंने यह जान लिया कि....
Ajit Kumar "Karn"
“बचपन में जब पढ़ा करते थे ,
“बचपन में जब पढ़ा करते थे ,
Neeraj kumar Soni
*जीवन-साथी यदि मधुर मिले, तो घर ही स्वर्ग कहाता है (राधेश्या
*जीवन-साथी यदि मधुर मिले, तो घर ही स्वर्ग कहाता है (राधेश्या
Ravi Prakash
ग़ज़ल _ तुम नींद में खोये हो ।
ग़ज़ल _ तुम नींद में खोये हो ।
Neelofar Khan
'वर्क -ए - ' लिख दिया है नाम के आगे सबके
'वर्क -ए - ' लिख दिया है नाम के आगे सबके
सिद्धार्थ गोरखपुरी
रोक लें महाभारत
रोक लें महाभारत
आशा शैली
विचार बड़े अनमोल
विचार बड़े अनमोल
Ritu Asooja
कभी जीत कभी हार
कभी जीत कभी हार
Meenakshi Bhatnagar
हवा चल रही
हवा चल रही
surenderpal vaidya
देश के वासी हैं
देश के वासी हैं
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मिल जाएँगे कई सिकंदर कलंदर इस ज़माने में मगर,
मिल जाएँगे कई सिकंदर कलंदर इस ज़माने में मगर,
शेखर सिंह
विस्मरण
विस्मरण
Deepesh Dwivedi
रिश्ते-आम कह दूँ क्या?
रिश्ते-आम कह दूँ क्या?
Pratibha Pandey
ये दुनिया
ये दुनिया
इंजी. संजय श्रीवास्तव
मंद बुद्धि
मंद बुद्धि
Shashi Mahajan
वो अपने दर्द में उलझे रहे
वो अपने दर्द में उलझे रहे
Sonam Puneet Dubey
दोहा एकादश. . . . . सावन
दोहा एकादश. . . . . सावन
sushil sarna
मजदूर दिवस पर विशेष
मजदूर दिवस पर विशेष
Harminder Kaur
2861.*पूर्णिका*
2861.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...