Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Mar 2024 · 1 min read

3060.*पूर्णिका*

3060.*पूर्णिका*
🌷 दिल के धनी कभी गरीब नहीं होता🌷
2212 1212 22 22
दिल के धनी कभी ग़रीब नहीं होता ।
कुछ भी कहे जहां नसीब नहीं होता ।।
इंसान है भला-बुरा बन जाते हैं ।
ना बोल तू यहाँ करीब नहीं होता ।।
नासमझ क्या अगर मगर बेफिक्र रहते।
तुम देख लो कहीं हबीब नहीं होता।।
मर्ज का इलाज है यहीं करते रहते ।
बीमार ना कहे तबीब नहीं होता ।।
दुनिया रहे सजे धजे अपनी खेदू ।
किसका कहाँ यहाँ रकीब नहीं होता ।।
………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
01-03-2024शुक्रवार

167 Views

You may also like these posts

आजकल का प्राणी कितना विचित्र है,
आजकल का प्राणी कितना विचित्र है,
Divya kumari
जीवन दर्शन मेरी नज़र से. .
जीवन दर्शन मेरी नज़र से. .
Satya Prakash Sharma
दोहा
दोहा
seema sharma
14) “जीवन में योग”
14) “जीवन में योग”
Sapna Arora
बामन निपुन कसाई...
बामन निपुन कसाई...
Dr MusafiR BaithA
रिश्ते अब रास्तों पर
रिश्ते अब रास्तों पर
Atul "Krishn"
एक दिन
एक दिन
हिमांशु Kulshrestha
चाय की प्याली!
चाय की प्याली!
कविता झा ‘गीत’
जीवन गति
जीवन गति
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
■ आज का शेर-
■ आज का शेर-
*प्रणय*
दलितजनों जागो
दलितजनों जागो
डिजेन्द्र कुर्रे
ज़िंदगी की मशक़्क़त में
ज़िंदगी की मशक़्क़त में
Rekha Sharma "मंजुलाहृदय"
आँखों की कुछ तो नमी से डरते हैं
आँखों की कुछ तो नमी से डरते हैं
अंसार एटवी
नववर्ष का नव उल्लास
नववर्ष का नव उल्लास
Lovi Mishra
अमृतमयी प्रेम
अमृतमयी प्रेम
Nitin Kulkarni
किसी बेवफा में वफा ढूंढ रहे हैं
किसी बेवफा में वफा ढूंढ रहे हैं
Jyoti Roshni
B52 - Nơi giải trí hàng đầu, thách thức mọi giới hạn với nhữ
B52 - Nơi giải trí hàng đầu, thách thức mọi giới hạn với nhữ
B52
काम ये करिए नित्य,
काम ये करिए नित्य,
Shweta Soni
समय के झूले पर
समय के झूले पर
पूर्वार्थ
जीव-जगत आधार...
जीव-जगत आधार...
डॉ.सीमा अग्रवाल
ह्रदय की पीड़ा से
ह्रदय की पीड़ा से
Dr fauzia Naseem shad
धीरज और संयम
धीरज और संयम
ओंकार मिश्र
सुहानी बरसात को तरसोगे
सुहानी बरसात को तरसोगे
अरशद रसूल बदायूंनी
आज के समाज का यह दस्तूर है,
आज के समाज का यह दस्तूर है,
Ajit Kumar "Karn"
दिल
दिल
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"समय जब अपने पर उतरता है
Mukul Koushik
आकाश के सितारों के साथ हैं
आकाश के सितारों के साथ हैं
Neeraj Agarwal
बुढ़ापा आता है सबको, सभी एहसास करते हैं ! उम्र जब ढ़लने लगती ह
बुढ़ापा आता है सबको, सभी एहसास करते हैं ! उम्र जब ढ़लने लगती ह
DrLakshman Jha Parimal
क्यूँ मन है उदास तेरा
क्यूँ मन है उदास तेरा
योगी कवि मोनू राणा आर्य
विधा - गीत
विधा - गीत
Harminder Kaur
Loading...