3054.*पूर्णिका*
3054.*पूर्णिका*
🌷 बाधाओं से लड़ आगे बढ़ते हैं🌷
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बाधाओं से लड़ आगे बढ़ते हैं ।
लक्ष्य साधे इतिहास यहाँ गढ़ते हैं ।।
आकर देखो मिलती मंजिल अपनी ।
जीवन की राम कहानी पढ़ते हैं ।।
करते रहते दुनिया तरक्की हरदम ।
काम न बनते दोष जहाँ मढ़ते हैं।।
काँटों के बीच गुलाब खिले यारों ।
चाहत से ही शिखरों पर चढ़ते हैं।।
दरिया की बात नहीं कहते खेदू।
ये साहिल साथी मिलकर कढ़ते हैं ।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
29-02-2024गुरुवार