3033.*पूर्णिका*
3033.*पूर्णिका*
🌷 हासिल होती मंजिल यहाँ 🌷
22 22 2212
हासिल होती मंजिल यहाँ ।
प्यारा सा रखते दिल यहाँ ।।
मिलता पद प्रतिष्ठा प्यार भी ।
खुद ही बनते काबिल यहाँ ।।
जीवन नाव लगाते यहीं ।
दरिया अपना साहिल यहाँ ।।
काली रातें देखो कटे।
उजले दिन भी शामिल यहाँ ।।
साथ निभाते खेदू कभी।
खुशियां रहते कामिल यहाँ ।।
………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
21-02-2024बुधवार