3028.*पूर्णिका*
3028.*पूर्णिका*
🌷 राज दिल का जानते 🌷
212 2212
राज दिल का जानते।
बात दिल की मानते।।
बेरहम दुनिया जहाँ ।
साजन कहाँ मानते।।
पास जो रखते यकीं ।
राह चलते मानते।।
फूल खिलते जब यहाँ ।
महकते मन मानते।।
दौर है खेदू नया ।
देख सुन कब मानते ।।
…………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
19-02-2024सोमवार