3027.*पूर्णिका*
3027.*पूर्णिका*
🌷 साथी समझदार हो गए 🌷
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साथी समझदार हो गए ।
मन भी चमकदार हो गए ।।
अब शैतानियत रहे नहीं ।
इंसान दमदार हो गए ।।
वक्त की बात क्या करें भला।
मौसम सदाबहार हो गए ।।
देखो बदलती खुशी खुशी।
लिखते कलमकार हो गए ।।
खेदू अब कहाँ कहे सुनो ।
कितना वजनदार हो गए ।।
………….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
19-02-2024सोमवार