3025.*पूर्णिका*
3025.*पूर्णिका*
🌷 जो तुम चाहो मिलेगा
22 22 122
जो तुम चाहो मिलेगा।
फूल चमन में खिलेगा।।
कुछ अपनी सोच बदलो ।
ये परबत भी हिलेगा।।
सागर क्या लाँघ जाते।
एक जुबां बस सिलेगा।।
हाथ यहाँ कामयाबी ।
साथी दिल से ढिलेगा ।।
मिटते खेदू नफरतें ।
मुहब्बत से सब फिलेगा ।।
………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
18-02-2024रविवार