Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2024 · 1 min read

3015.*पूर्णिका*

3015.*पूर्णिका*
🌷 प्यासे तो पानी मांगता
22 22 2212
प्यासे तो पानी मांगता।
ये प्यार कुर्बानी मांगता।।
दुनिया गाती है जिंदगी ।
मन रोज जवानी मांगता।।
जैसे भी हो हालात अब।
वक्त मधुर जुबानी मांगता।।
दामन थामे चलते जहाँ ।
ना यूं मनमानी मांगता।।
कसमें वादे खेदू नहीं ।
बस दिलबर जानी मांगता।।
……✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
16-02-2024गुरुवार

159 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वो और राजनीति
वो और राजनीति
Sanjay ' शून्य'
पूरी ज़िंदगी भर तन्हा रहना एक जबरदस्त नशा है,
पूरी ज़िंदगी भर तन्हा रहना एक जबरदस्त नशा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
फूल बन खुशबू बिखेरो तो कोई बात बने
फूल बन खुशबू बिखेरो तो कोई बात बने
इंजी. संजय श्रीवास्तव
You need not prove yourself to anybody. Everything you are d
You need not prove yourself to anybody. Everything you are d
पूर्वार्थ
उसकी अदा तो प्रेम पुजारी लगी मुझे।
उसकी अदा तो प्रेम पुजारी लगी मुझे।
Sachin Mishra
अभाव और साहित्य का पुराना रिश्ता है अभाव ही कवि को नए आलंबन
अभाव और साहित्य का पुराना रिश्ता है अभाव ही कवि को नए आलंबन
गुमनाम 'बाबा'
बन के आंसू
बन के आंसू
Dr fauzia Naseem shad
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
मन  के बंद दरवाजे को खोलने के लिए
मन के बंद दरवाजे को खोलने के लिए
Meera Thakur
Being an ICSE aspirant
Being an ICSE aspirant
Chaahat
*किसने देखा है ईश्वर को, किसने छूकर पहचाना है (राधेश्यामी छं
*किसने देखा है ईश्वर को, किसने छूकर पहचाना है (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
वे सोचते हैं कि मार कर उनको
वे सोचते हैं कि मार कर उनको
VINOD CHAUHAN
कुंए में उतरने वाली बाल्टी यदि झुकती है
कुंए में उतरने वाली बाल्टी यदि झुकती है
शेखर सिंह
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
दोनों हाथों की बुनाई
दोनों हाथों की बुनाई
Awadhesh Singh
अमृत वचन
अमृत वचन
Dinesh Kumar Gangwar
तुम बिन रहें तो कैसे यहां लौट आओ तुम।
तुम बिन रहें तो कैसे यहां लौट आओ तुम।
सत्य कुमार प्रेमी
संवेदनहीनता
संवेदनहीनता
संजीव शुक्ल 'सचिन'
जो घटनाएं घटित हो रही हैं...
जो घटनाएं घटित हो रही हैं...
Ajit Kumar "Karn"
विषय :- मीत
विषय :- मीत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
4394.*पूर्णिका*
4394.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मत मन को कर तू उदास
मत मन को कर तू उदास
gurudeenverma198
ख़यालों में रहते हैं जो साथ मेरे - संदीप ठाकुर
ख़यालों में रहते हैं जो साथ मेरे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
ज़िदादिली
ज़िदादिली
Shyam Sundar Subramanian
युग अन्त
युग अन्त
Ravi Shukla
जल है, तो कल है - पेड़ लगाओ - प्रदूषण भगाओ ।।
जल है, तो कल है - पेड़ लगाओ - प्रदूषण भगाओ ।।
Lokesh Sharma
आज का युवा कैसा हो?
आज का युवा कैसा हो?
Rachana
जानते वो भी हैं...!!!
जानते वो भी हैं...!!!
Kanchan Khanna
A last warning
A last warning
Bindesh kumar jha
2
2
*प्रणय*
Loading...