Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2023 · 1 min read

3- विद्यार्थी व शिक्षक

विद्यार्थी व शिक्षक

करता जो अर्जित विद्या, विद्यार्थी कहलाता।

गुरू और शिष्य मद्य, बड़ा मधुर भाता ।।

विद्यार्थी को शिक्षा देना, शिक्षक का फर्ज़ है।

शिष्य पर गुरू का यह, बहुत बड़ा कर्ज़ है ।।

पुरातन समय में शिक्षा, गुरूकुल में होती।

दिन-रात रहकर वहाँ जलाते, शिक्षा की ज्योति।।

करना गुरू की सेवा, विद्यार्थी का धर्म था।

आज्ञा पालन गुरू की, सबसे बड़ा कर्म था।।

गुरू की आज्ञा से, जाते माँगने को भिक्षा।

तन-मन से देते गुरू, शिष्यों को शिक्षा ।।

वर्तमान में बदल गई, शिक्षा की पद्यति।

पीकर दारू शिष्य गुरू, करें पद की दुर्यति।।

मान-सम्मान घटा शिक्षक का, इस काल में।

छिन्न-भिन्न रिश्ते मर्यादा, बुरे हाल में ।।

पढ़ना-लिखना लेषमात्र, रात-दिन आन्दोलन ।

सम्मान शिक्षकों का नहीं, नहीं आज्ञापालन।।

“दयानंद “

Language: Hindi
311 Views

You may also like these posts

तेरी इबादत करूँ, कि शिकायत करूँ
तेरी इबादत करूँ, कि शिकायत करूँ
VINOD CHAUHAN
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक arun atript
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक arun atript
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चंद्रयान-३
चंद्रयान-३
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
..
..
*प्रणय*
लाल पतंग
लाल पतंग
विजय कुमार नामदेव
“गर्व करू, घमंड नहि”
“गर्व करू, घमंड नहि”
DrLakshman Jha Parimal
काश की तुम मुझे पहचान पाते,
काश की तुम मुझे पहचान पाते,
श्याम सांवरा
आज का दिन
आज का दिन
Punam Pande
दिल की प्यारी
दिल की प्यारी
जय लगन कुमार हैप्पी
*पर्वतों की सैर*
*पर्वतों की सैर*
sudhir kumar
विनती
विनती
Mahesh Jain 'Jyoti'
पांच लघुकथाएं
पांच लघुकथाएं
ashok dard
अवास्तविक
अवास्तविक
Minal Aggarwal
वक्त काटना चाहो
वक्त काटना चाहो
Sonam Puneet Dubey
कइसन रोग कोरोना बा...
कइसन रोग कोरोना बा...
आकाश महेशपुरी
गौरैया दिवस पर
गौरैया दिवस पर
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
पल्लवित प्रेम
पल्लवित प्रेम
Er.Navaneet R Shandily
बेघर एक
बेघर एक "परिंदा" है..!
पंकज परिंदा
मैंने नींदों से
मैंने नींदों से
Dr fauzia Naseem shad
"अन्तर"
Dr. Kishan tandon kranti
सुकून की ज़िंदगी
सुकून की ज़िंदगी
Shriyansh Gupta
गुलाब भी कितना मुस्कराता होगा,
गुलाब भी कितना मुस्कराता होगा,
Radha Bablu mishra
आमदनी ₹27 और खर्चा ₹ 29
आमदनी ₹27 और खर्चा ₹ 29
कार्तिक नितिन शर्मा
नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ
नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ
gurudeenverma198
ग़ज़ल _ मतलब बदल गया।
ग़ज़ल _ मतलब बदल गया।
Neelofar Khan
दशहरा पर्व पर कुछ दोहे :
दशहरा पर्व पर कुछ दोहे :
sushil sarna
मुझे आज तक ये समझ में न आया
मुझे आज तक ये समझ में न आया
Shweta Soni
भाग्य मे जो नहीं होता है उसके लिए आप कितना भी कोशिश कर लो वो
भाग्य मे जो नहीं होता है उसके लिए आप कितना भी कोशिश कर लो वो
रुपेश कुमार
आत्मा
आत्मा
Bodhisatva kastooriya
बेचारा दिन
बेचारा दिन
आशा शैली
Loading...