3.बूंद
यह सच है कि बूंद, दरिया नहीं होता,
मगर यह भी सच है कि बिन बूंद-दरिया नहीं होता।
बूंद से मिलकर बूंद एक धार बनती है,
धीमे धीमे बहकर यह सीमाएं पार करती है।
बूंद की भी अपनी पहचान होती है,
सीप में गिर कर यही मोती बन जाती है।
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यह सच है कि बूंद, दरिया नहीं होता,
मगर यह भी सच है कि बिन बूंद-दरिया नहीं होता।
बूंद से मिलकर बूंद एक धार बनती है,
धीमे धीमे बहकर यह सीमाएं पार करती है।
बूंद की भी अपनी पहचान होती है,
सीप में गिर कर यही मोती बन जाती है।
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