*3 – पिया कि मेंहदी
*3फिल्म – पिया की मेंहदी। 9515651283
स्क्रिप्ट – रौशन राय का। 7859042461
तारीख – 30 – 05 – 2022
मर जाएगी तेरी रहगुजर
सलीम ज्वाइंन होने के लिए बताएं गए जगह पर पहुंचता है
आॅफिस से एक सिपाही निकलता है और सलीम से पुछता है
सिपाही – क्या आप सलीम खान है
सलीम – हां सर मैं सलीम खान ही हूं
सिपाही – क्या आप फाॅरेस्ट आॅफिसर के पद पर चुने गए हैं
सलीम – हां सर ज्वाइनिंग लेटर तों आया है
सिपाही – ठीक है आप आॅफिस के अंदर चलिए आपको सर ने बुलाया है
सलीम – सिपाही के साथ आॅफिस पहुंचता है
वहां के सभी बड़े आॅफिसर सलीम को सब कुछ समझा देता हैं और कहता है सलीम हमें पुरा विश्वास है कि तुम पुरे निष्ठा के साथ इस वन का रक्षा करोंगे इससे पहले जितने भी आॅफिसर आये सबके सब भ्रष्ट हो गये और वन का पेड़ काटने वाले के साथ ही मिलकर कुछ पैसे के लालच में इस वन को काफी पेड़ कटवा दिया और अभी सब जेल में बंद हैं
सलीम – सर मैं अपनी पुरी निष्ठा के साथ ही इस प्राकृतिक सम्पदा और हम मानव के हितैषी इस वन प्रदेश का रक्षा करुंगा ये मेरा शपथ हैं और यदि मुझे इस वन प्रदेश को बचाने के लिए अपने जान कि बाजी लगाना पड़े तो मैं इसके लिए भी पिछा नहीं हटूंगा
सभी ऑफिसर सलीम को नौकरी का शुभकामनाएं दिया सलीम वर्दी पहन कर अपने बड़े ऑफिसर को सैल्यूट दिया
दुसरे दिन सलीम पुरे वर्दी में अपने जुनियर ऑफिसर के साथ पुरे वन प्रदेश का निरीक्षण किया और उसी दिन पेड़ काट रहे चार आदमी को गिरफ्तार किया और कुछ लोग भाग निकले जिससे पुरे डिपार्टमेंट में सलीम का चर्चा होने लगा और जितने भी जुनियर ऑफिसर था सबका हवा टाइट हो गया
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लकड़ी काटता जों चार आदमी पकराया था उसका बाॅस लंगुरिया अपने आदमी से पुछा
गुंडा {बाॅस} – अरे धनिया ये कौन आॅफिसर आ गया जो हमारे चार आदमी को पकड़ कर जेल में बंद कर दिया
धनिया – सरकार सुनने में आया है कि वो आॅफिसर आज ही पहली डियुटी पर आया और अपने चार आदमी को पकड़ कर जेल में बंद कर दिया
धनिया सरकार ऐसा लगता है कि अब हम सब का दाना पानी का जुगाड़ कही और करना होगा
गुंडा {बाॅस} अरे धनिया तु क्यों चिंता करता है मैं हूं ना ये वन प्रदेश उस आॅफिसर के बाप का नहीं है जो हमें पेड़ काटने से रोक सकता है
धनिया – लेकिन बाॅस वो बहुत ही सख्त और इमानदार आॅफिसर है वो कहता है कि जब-तक हम यहां पर रहेंगे तब तक जंगल का एक भी जिंदा पेड़ नहीं कटने देंगे और किसी ने काटने कि कोशिश कि तों समझो उसके जीवन कि डोर कट गई।
लंगुरिया गुंडा {बाॅस} क्याऽऽऽ वो इतना सख्त है और हिम्मत वाला भी है
धनिया – हां बाॅस
गुंडा {बाॅस} धनिया उस आॅफिसर का नाम क्या है
धनिया – बाॅस उसका नाम सलीम खान है
गुंडा {बाॅस} अच्छा फिर तो इसका कुछ न कुछ करना पड़ेगा
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आज सलीम का तीन महीने हो गया तीन महिना में एक भी पेड़ नहीं कटा सारे डिपार्टमेंट का बड़े ऑफिसर सलीम के काम से बहुत खुश थें और पेड़ काटने वाला गुंडा बहुत दुखी
बड़े ऑफिसर ने कहा सलीम तुम पहले ही डियुटी में कमाल कर दिया सभी डिपार्टमेंट को तुम पर फक्र हैं इसलिए तुम्हें पंद्रह दिन का छुट्टी दिया जाता है
कहो सलीम इस पंद्रह दिन में तुम क्या करोगे
सलीम – सर हम इस पंद्रह दिन में अपने शादी करेंगे आप सब को हमारे ओर से निमंत्रण है आप सबको आना ही होगा हमारे शादी में
आॅफिसर – जरुर सलीम हम तुम्हारे शादी में जरूर आएंगे
सलीम – धन्यवाद सर अपने जुनियर साथियों से कहा आप सब भी आएंगे और हम सबके नाम कार्ड जरूर भेजेंगे और सबको आना ही होगा
सबने कहा हां हां हम आपके शादी में जरूर आएंगे
सलीम दुसरे दिन छोटे बड़े सभी आॅफिसर से मिलकर अपने घर के लिए रवाना हुआ
आंखों में जरीना कि तस्वीर चेहरे पर मुस्कान और बदन पर वर्दी पहने अपने राह चलने लगा और गाना गाने लगे
गीत में वो जरीना को छेड़ता जरीना रुट जाती तो उसे मनाता गीत समाप्त हुआ और सलीम अपने घर का दरवाजा खटखटाया
सलीम की बहन ने दरवाजा खोली
और बोली भाई जान आप और अपने भाई सलीम कि गले लग गई और वहीं से आवाज दी
मां, बाबा, भाभी बड़े भैया देखो कौन आया सबके सब अपने अपने कमरे से निकलें
पहले भाई रिजवान निकला
रिजवान – अरे सलीम तुम बीना खबर दिये
सलीम – हां भाई जान और अपने भाई के गले मिला
तब तक मां नाईदा और पिता जैनुल खान भी बाहर निकल आया
सलीम – अपने मां बाप के बारी बारी से गले मिला और पुछा भाभी कहां हैं
फ़िरदौस – भाभी अपने कमरे में हैं और वो बाहर क्यों नहीं निकली जा कर खूद ही पुछ लो
सलीम – हाय छोटकी ज्यादा शयानी की नानी मत बन
सलीम ने रिजवान के ओर देखा तों रिजवान थोड़ा शर्मा गया और अपने भाई सलीम को देखकर मुस्कुराते हुए सर हिलाया
सलीम फिर मां के ओर देखा मां ने भी मुस्कुराकर हां में सर हिलायी
सलीम अरे वाह और भागते भागते भाभी भाभी कहते-कहते अपने भाभी के कमरे में पहुंच गया
उस समय भाभी नुरी शर्माकर रह गई की सलीम ने अपने भाभी को उठा कर नाचने लगा और निचे में आराम से उतारते हुए कहा भाभी सबके चेहरे पर जो नये मेहमान आने का खुशी है क्या वो सच है
भाभी नुरी – मुस्कुराते हुए कहा में सर हिलायी और बोली देवर राजा अब तो हमारे काम में हाथ बंटाने वाली को ले ही आओ
सलीम अब अपने भाभी से मजा लेते हुए बोला भाभी मैं सोचता हूं कि अभी शादी नहीं करू
भाभी नुरी – क्या
तब तक फ़िरदौस पहुंच गई और सलीम बोला ये छोटकी हैं न आपके काम में हाथ बंटाने वाली
फ़िरदौस – हूं मैं इस घर कि बेटी हूं कोई काम करने वाली बाई नहीं
अब रिजवान भी आ गया हां बहन तुम हमारी बहन हैं कोई बाई नहीं हम आज ही शमशेर खान के यहां फोन कर देते हैं कि हम सब आज से पांचवीं दिन बारात लेकर पहुंच रहे हैं
नोक झोंक के बाद भाई रिजवान बोलें चल भाई आज दोनों भाई के साथ पुरे परिवार मिलकर खाना खाते हैं
हम सब के बीच आज तीन महिना से तुने नहीं था नुरी जाओ खाना लगाओ
फ़िरदौस – नहीं भाभी आपके ननद जब तक है आप आराम किजिए मैं सबके लिए खाना लगाती हूं
सलीम – क्या तुम खाना लगाओगी जो खुद को पिने के लिए एक गिलास पानी नही लेती थी वो आज खाना लगाएंगी
भाभी नुरी – तुम्हारे जाने के बाद डाक्टर ने मुझे आराम करने को कहा तब से मेरी ननद ही घर का सारा काम करती है और मेरा ध्यान भी बहुत रखती हैं और तो और खाना बहुत सुंदर और टेस्टी बनाती हैं
सलीम – अरे वाह इसे कहते हैं सुरज पच्छिम से उगना
फ़िरदौस गई और सबके लिए खाना लगाई और आवाज दी बड़े भैया छोटे भैया भाभी मां बाबा सब आइए खाना टेवल पर लग गया हैं
सब लोग आये और एक एक कुर्सी पर बैठ गए
और फ़िरदौस अपने भाभी के पास गई और बोली चलिए भाभी जान अपने ननद के सहारे भाभी नुरी खाने टेवल पर पहुंची तो
ससुर जैनुल खान ने पुछा बहूं तुम ठीक हों न
नुरी बहूं – हां अब्बा जान मैं बिल्कुल ठीक हूं मुझे तों मेरी ननद आलसी बनाती जा रही है मुझे एक भी काम करने नहीं देती
ससुर जैनुल खान – बेटा ये तो तुम ननद भाभी कि प्यार है जो हमारे इस घर को हमेशा महकाते रहता है
मां नाईदा – बेटी कभी कोई परेशानी हो तो हमें तुरंत बताना
सलीम – हां भाभी
नुरी – हां ठीक है
फ़िरदौस – हां हां अब आप लोग गप्पे छोड़िए और खाना खाइए
जैनुल खान – चलो भाई सब खाना शुरू करो और सबने खाना शुरू क्या
सलीम दो खौड़ खाना खाने के बाद फ़िरदौस को चिराने के लिए अपने भाभी से
सलीम – क्या भाभी आज खाना कौन बनाया है
भाभी नुरी – कहा न कि हमारी ननद फ़िरदौस ने बनाई है और खाना अच्छा भी है क्यों अम्मा जी
नाईदा मां – हां बहूं खाना तों यकिनन मेरी बेटी बहुत अच्छा बनाती है
भाभी नुरी – क्यों देवर राजा आपको कैसा लगा
सलीम ने देखा कि फ़िरदौस हमारे ओर देख रही है तों कहा खाना अच्छा नहीं
फ़िरदौस – भाभी जान कह दों जिसको मेरा बनाया खाना अच्छा नहीं लगता वो खुद बनाकर खाएं मैं अपने भाभी को खाना बनाने नहीं दुंगी
भाभी नुरी – सुन लिया सलीम साहब
सलीम – भाभी मैं खाना को अच्छा इसलिए नहीं कहा कि खाना बहुत अच्छा है और सब लोग हस पड़े
जैनुल खान पिता – बेटा रिजवान अाज ही शमशेर खान को फोन करके कह दो कि हम आज से पांचवीं दिन बारात लेकर पहुंच रहे हैं।
रिजवान – जी पापा और खाना खाकर उठा और फोन लगा दिया शमशेर खान के यहां
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तो उधर जरीना ने फोन उठाया और कहा हेल्लों
तो रिजवान ने कहा कि आप हमें शमशेर खान या उनके बेटे युनुस खान से बात करवाइए
तों जरीना ने कहा वो सब बाजार गये है खरिदारी करने के लिए
तो रिजवान ने कहा आप अपने बाबा या भाई को कहिएगा कि हम आज से पांचवीं दिन बारात लेकर आ रहे हैं
जरीना शर्मा गई और बोली ठीक है हम बोल देंगे
और जैसे ही फोन कट हुआ कि जरीना के अम्मी अब्बू और भाई जान जा पहुंचा घर
जरीना – अम्मी जान फोन आया था
शबाना मां – कहा से फोन आया था बेटा
जरीना – भाई जान आप नंबर देखकर उसे फोन कर लिजिए
शबाना मां – अरे पागल कौन था और क्या कहा
शमशेर खान – अरे उसे छोड़ दिजिए बेटा युनूस देखो तो कौन फोन किया था
युनुस खान – ला जरीना फोन , जरीना ने अपने भाई को फोन दें दिया और वहां से भाग कर अपने कमरे में चली गई
युनूस खान ने जब नंबर देखा तो कहा अब्बा जान ये नंबर तों रिजवान भाई का है और नंबर डायल कर दिया
उधर से रिजवान ने फोन उठाया और कहा हेल्लो
युनूस खान – हां रिजवान भाई मैं युनूस खान आप ने फोन किया था
रिजवान खान – हां युनूस मियां शाय़द वो आपकी बहन फोन उठाई थी
युनूस खान – हां रिजवान भाई जरीना ने ही फोन के बारे में बताई तो कहिए कि आप फोन पर क्या कहना चाहते हैं
रिजवान खान – हम ये कहना चाहते हैं कि आज से पांचवीं दिन बारात लेकर आपके यहां पहुंच रहा हूं क्या ख्याल है आपका
युनूस खान – आपका और आपके बाराती का हम सब परिवार तहेदिल से स्वागत करने के लिए बेकरार हैं और आप हमारी बेकरारी पांचवें दिन शांत करेंगे इसके लिए आपको और आपके पुरे परिवार वालों का हम सब दिल से शुक्रिया कहते हैं
अपने कमरे से जरीना सारी बातें सुन रही थी और लाज के मारे अपना मुंह तकिए में छुपाई जा रही थी
रिजवान खान और युनुस खान में बात होने के बाद फोन कट हुआ तों मां शबाना ने पुछी
शबाना मां – बेटा क्या बात हुआ यही बात शमशेर खान ने भी दोहराया
युनूस खान – अम्मी अब्बू आप सबको मुबारकबाद देता हूं
रिजवान खान अपने भाई सलीम मियां का बारात लेकर हमारे यहां पांचवें दिन पहुंच रहा है। सलीम मियां आॅफिसर बनकर आ गए हैं उसे मात्र पंद्रह दिन का छुट्टी मिला है बारात में बड़े-बड़े आॅफिसर बड़े बड़े लोग आएंगे रिजवान भाई कह रहें थे हमारे भाई सलीम मियां का बिवाह एक सोहरत हासिल करने वाला होगा।
सलीम से उनके बड़े आॅफिसर इतना खुश हुआ कि वो सब बारात में आने के लिए कहा
जब जरीना के शादी के बात हों रहा था मां बेटे और बाप के संग तों जरीना अपने कमरे के दरवाजे में लगे पर्दे के पीछे खड़ी हो कर सारी बात सुनकर लाले लाल हो रही थी
युनूस खान – अब्बा जान अब हमारे पास समय नहीं है इसलिए सारे काम जल्दी जल्दी निपटाना होगा
शमशेर खान – हां बेटा करना तो पड़ेगा
जरीना के घर पर जरीना संग सलीम और सलीम के घर पर सलीम संग जरीना नाम से बेहतरीन शादी कार्ड छपवाया गया
और युनुस खान पहला शादी कार्ड लेकर सलीम के घर पहुंचा
सलीम के घर वालों ने युनूस खान का स्वागत किया
युनूस खान शादी कार्ड लेकर सलीम के पिता जैनुल खान के खिदमत में पेश हुआ और कहा आपके मेहरबानी से हमें ये पाक घड़ी देखने को मिल रहा है और आप सबका स्वागत के लिए हम हर सम्भव प्रयास करेंगे
रिजवान खान हाथ युनूस से हाथ मिलाया चाहा
मगर युनूस खान हाथ नही मिलाया अपना सर झुका दिया और कहा
हम आपसे कैसे हाथ मिला सकते हैं मैं बेटी वाला हूं और आप बेटा वाला हाथ बराबर वाले से मिलाया जाता है और मैं आपके बराबर नहीं हूं