3. आपकी यादें
तसव्वुर में मेरे चली आयेंगी आपकी यादें।
ज़ेहन को बहुत गुदगुदायेंगी आपकी यादें।।
ज़िंदगी आज मुस्कुराई है संग आप के।
सोच ये कल मुस्कुरायेंगी आपकी यादें।।
फूल आज खिले हैं आपकी बगिया में।
काँटें बन कल चुभाएँगी आपकी यादें।।
हर ज़ख़्म का मरहम था आपके पास।
अब ज़ख़्म बन टीस दिलायेंगी आपकी यादें।।
बादल बन आप वादी-ए-ज़ेहन में छा जायेंगी।
फिर आँसू कितने बरसायेंगी आपकी यादें।।
मो• एहतेशाम अहमद,
अण्डाल, पश्चिम बंगाल, इंडिया