2984.*पूर्णिका*
2984.*पूर्णिका*
🌷 जीवन अपना प्यारा सा
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जीवन अपना प्यारा सा ।
चमके बन के तारा सा।।
दुनिया अपनी कहती है ।
साथी देख दुलारा सा।।
मिलती मंजिल ले लो तुम ।
खून पसीना न्यारा सा।।
परवाह नहीं आज हमें ।
तेरा साथ किनारा सा।।
महके सुंदर मन खेदू।
न रहे बस बेचारा सा।।
………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
07-02-2024बुधवार