2954.*पूर्णिका*
2954.*पूर्णिका*
🌷 तुम मुझे खूब लगती हो 🌷
212 212 22
तुम मुझे खूब लगती हो ।
पास आ दूर भगती हो ।।
जब गले हम लगाते हैं ।
साथ पा क्यों झिझकती हो ।।
बात दिल की सुनो सच में ।
बस कहूँ खूब जंचती हो ।।
किस्मत में थी मिली यारा।
पंछियों सी चहकती हो ।।
नेकियों का चमन खेदू।
फूल बन तुम महकती हो ।।
……..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
24-01-2024बुधवार