2953.*पूर्णिका*
2953.*पूर्णिका*
🌷 हम डूबे रहते ख्यालों में 🌷
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हम डूबे रहते ख्यालों में ।
यूं उलझे रोज सवालों में ।।
मन के अंदर बस झाँक यहाँ ।
झलके मुस्कराहट गालों में।।
मौसम की अपनी फितरत है ।
अलमस्त शतरंजी चालों में ।
देख मिले दो वक्त की रोटी ।
प्यार भरा रहता छालों में ।।
खुशियाँ लेकर आये खेदू।
जाम जहाँ छलके प्यालों में ।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
24-01-2024बुधवार