2938.*पूर्णिका*
2938.*पूर्णिका*
🌷 कुछ खोना कुछ पाना है 🌷
22 22 22 2
कुछ खोना कुछ पाना है ।
जीवन आज खिलौना है ।।
चिंता की अब बात नहीं ।
सुंदर रोज बिछौना है ।।
कांटे तो है पग पग पर ।
देखो फूल सलोना है ।।
क्या समझे और बुझे सब ।
खाना पीना सोना है ।।
झूमे नाचेंगे खेदू।
ना सोच यहाँ बौना है
………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
17-01-2024बुधवार