2915.*पूर्णिका*
2915.*पूर्णिका*
🌷 निखर उठती है जिंदगी 🌷
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निखर उठती है जिंदगी।
संवर उठती है जिंदगी।।
प्यार दिल में हो चाहतें ।
महक उठती है जिंदगी।।
आत्मसंयम रख कर चले ।
लहक उठती है जिंदगी।।
समझदार यहाँ सब बने।
चहक उठती है जिंदगी।।
साथ हरदम खेदू यहाँ ।
चमक उठती है जिंदगी।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
09-01-2024मंगलवार