2893.*पूर्णिका*
2893.*पूर्णिका*
🌷 जो भी होता है अच्छा होता है🌷
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जो भी होता है अच्छा होता है।
देखो कोई हँसता रोता है ।।
कैसे ये शिकवा गिला अपनों से।
दुनिया तो फकत रट्टू तोता है ।।
चाहत से खुशियाँ मिलेगी तुमको।
बस होगा जो बीज तू बोता है ।।
मंशा मेरी जान समझोगे कब ।
सब कुछ पाकर क्यों यहाँ खोता है ।।
धन्य हम समझे भाग्यशाली खेदू।
जिगरा अपना पाँव भी धोता है ।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
04-01-2024गुरुवार