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4 Jan 2024 · 1 min read

2890.*पूर्णिका*

2890.*पूर्णिका*
🌷 दामन भी प्यारा लगता है🌷
22 22 22 22
दामन भी प्यारा लगता है ।
जग अपना न्यारा लगता है ।।

खुशियों की है सौगात जहाँ ।
यूं भाग्य सितारा लगता है ।।

खिलते हरदम बगियां अपनी।
दिन रोज दुलारा लगता है ।।

मंजिल मिलती खुश रहते हम ।
कब जीता हारा लगता है ।।

बात करें दिल से जब खेदू।
सच मीठा खारा लगता है ।।
…………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
03-01-2024बुधवार

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