2888.*पूर्णिका*
2888.*पूर्णिका*
🌷 गैर भी अपना बन जाते हैं🌷
212 22 22 22
गैर भी अपना बन जाते हैं ।
विपत्तियों में वो तन जाते हैं ।।
जिंदगी खिलती रहती हरदम।
छानते जो भी छन जाते हैं ।।
अजब है आज कहानी देखो।
बात क्या दिल में ठन जाते हैं ।।
रोज करते हैं परवाह नहीं ।
प्यार में प्यारे धन जाते हैं ।।
हौसला अफजाई कर खेदू।
यूं बड़े बनके खन जाते हैं ।।
……✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
03-01-2024बुधवार