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4 Jan 2024 · 1 min read

2887.*पूर्णिका*

2887.*पूर्णिका*
🌷 लोग तमाशा देखते हैं🌷
22 22 2122
लोग तमाशा देखते हैं ।
कौन निराशा देखते हैं ।।

दुनिया पल पल बदलती है ।
जीवन आशा देखते हैं ।।

तरक्की की नवराह चल तू ।
खील बताशा देखते हैं ।।

खेल नहीं है जानते हम ।
रोज प्रत्याशा देखते हैं ।।

रख ले दिल भी पत्थर खेदू।
नाजुक शीशा देखते हैं ।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
03-01-2024बुधवार

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