2870.*पूर्णिका*
2870.*पूर्णिका*
🌷 ना टूटे उम्मीद यहाँ🌷
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ना टूटे उम्मीद यहाँ ।
हो पूरी उम्मीद यहाँ ।।
दुनिया आज सपनों की ।
रखते सब उम्मीद यहाँ ।।
उड़ते हौसलों से हम ।
खुशियाँ दे उम्मीद यहाँ ।।
अपनी चाह राह बने।
जीवन है उम्मीद यहाँ ।।
देखो साफ दिल खेदू।
नेकी भी उम्मीद यहाँ ।।
………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
28-12-2023गुरूवार