2842.*पूर्णिका*
2842.*पूर्णिका*
🌷 दिल क्या है पूछा कर🌷
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दिल क्या है पूछा कर ।
ना समझे पूछा कर ।।
हसरत अपनी जाने ।
पूरी कब पूछा कर ।।
फूल यहाँ बाग यहाँ ।
महका क्यों पूछा कर ।।
बहता रहता पानी ।
प्यास लगे पूछा कर।।
जग दीवाना खेदू।
मस्त कैसे पूछा कर ।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
20-12-2023बुधवार