2826. *पूर्णिका*
2826. पूर्णिका
🌷 मुड़कर कभी देखा नहीं🌷
2212 2212
मुड़कर कभी देखा नहीं ।
करते मस्ती देखा नहीं ।।
मिलती जिसे मंजिल यहाँ ।
बांटे खुशी देखा नहीं ।।
अरमान पाले बस सभी।
गिरगिट बने देखा नहीं ।।
अपनी किस्मत बदलते हम ।
जीवन नया देखा नहीं ।।
दामन पकड़ खेदू बढ़े ।
सुंदर जहां देखा नहीं ।।
………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
15-12-2023शुक्रवार