Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Dec 2023 · 1 min read

2819. *पूर्णिका*

2819. पूर्णिका
ना रख मन में डर
22 22 2
ना रख मन में डर ।
सपना पूरा कर ।।
साथी साथ यहाँ।
बस बांहों में भर ।।
देखो सोच बदल ।
दुनिया है सुंदर।।
बांटे प्यार जहाँ ।
खुशियाँ आती दर ।।
नेकी तो खेदू।
करते अजर अमर।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
13-12-2023बुधवार

265 Views

You may also like these posts

विचारों का संगम, भावनाओं की धारा,
विचारों का संगम, भावनाओं की धारा,
Kanchan Alok Malu
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
कोई बात नहीं, अभी भी है बुरे
कोई बात नहीं, अभी भी है बुरे
gurudeenverma198
दोहे
दोहे
Mangu singh
विकास की बाट जोहता एक सरोवर।
विकास की बाट जोहता एक सरोवर।
श्रीकृष्ण शुक्ल
स्पर्श
स्पर्श
Ajay Mishra
ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं और अनुभव से अर्थ समझ में आते ह
ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं और अनुभव से अर्थ समझ में आते ह
ललकार भारद्वाज
कस्तूरी पहचानो मृग
कस्तूरी पहचानो मृग
Shweta Soni
बुंदेली दोहा- तिगैला
बुंदेली दोहा- तिगैला
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*वो है खफ़ा  मेरी किसी बात पर*
*वो है खफ़ा मेरी किसी बात पर*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
11) “कोरोना एक सबक़”
11) “कोरोना एक सबक़”
Sapna Arora
साकार आकार
साकार आकार
Dr. Rajeev Jain
कविता
कविता
Rambali Mishra
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
खुद्दारी
खुद्दारी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
4654.*पूर्णिका*
4654.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पीड़ाओं के संदर्भ
पीड़ाओं के संदर्भ
दीपक झा रुद्रा
गुस्सा
गुस्सा
Rekha khichi
एक डॉक्टर की अंतर्वेदना
एक डॉक्टर की अंतर्वेदना
Dr Mukesh 'Aseemit'
उम्मीद का दिया
उम्मीद का दिया
राकेश पाठक कठारा
नशा छोडो
नशा छोडो
Rajesh Kumar Kaurav
■मौजूदा हालात में■
■मौजूदा हालात में■
*प्रणय*
- तेरी यादें मेरे जीवन का एक हिस्सा -
- तेरी यादें मेरे जीवन का एक हिस्सा -
bharat gehlot
स्कूल का पहला दिन
स्कूल का पहला दिन
Ayushi Verma
आस
आस
Shyam Sundar Subramanian
*देश की आत्मा है हिंदी*
*देश की आत्मा है हिंदी*
Shashi kala vyas
नव वर्ष आया हैं , सुख-समृद्धि लाया हैं
नव वर्ष आया हैं , सुख-समृद्धि लाया हैं
Raju Gajbhiye
अकेलापन
अकेलापन
Mansi Kadam
इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए
इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए
पूर्वार्थ
एक बूढ़ा बरगद ही अकेला रहा गया है सफ़र में,
एक बूढ़ा बरगद ही अकेला रहा गया है सफ़र में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...