2795. *पूर्णिका*
2795. पूर्णिका
कुछ सुन लेते
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कुछ सुन लेते ।
कुछ गुन लेते।।
दुनिया अपनी।
कुछ भुन लेते।।
न फटे चादर।
कुछ तुन लेते ।।
सुंदर बगियां ।
कुछ चुन लेते।।
प्यारा खेदू ।
कुछ बुन लेते।।
……..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
06-12-2023बुधवार