2785. *पूर्णिका*
2785. पूर्णिका
बिन मेहनत कुछ हासिल नहीं होता
2212 22 212 22
बिन मेहनत कुछ हासिल नहीं होता ।
मंजिल कहाँ जो काबिल नहीं होता।।
दुनिया दिखाते कर्म जिंदगी का ये ।
यूं नाम अपना शामिल नहीं होता ।।
दरिया करें हरदम पार जब देखो।
कहते यहाँ कब साहिल नहीं होता ।।
यूं बदलते मौसम देखिए हरपल।
सच जीत में क्या तामिल नहीं होता ।।
खुशियाँ मिले खेदू हसरतें अपनी।
हर शख्स भले सा कातिल नहीं होता ।।
………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
04-12-2023सोमवार