2782. *पूर्णिका*
2782. पूर्णिका
रास्ता मिला है मंजिल मिलेगी
2212 22 2122
रास्ता मिला है मंजिल मिलेगी।
यूं चमन में नव कलियां खिलेगी।।
आती मुसीबत क्या क्या नहीं कब।
दम बाजुओं में दुनिया हिलेगी ।।
दामन यहाँ थामें कदम रखते।
मांझी बिना भी कश्तियाँ चलेगी।।
खुद पर भरोसा रख जीत कहती।
आकर जहाँ बस हस्तियाँ ढ़लेगी।।
चाहत रखे दिल में रोज खेदू।
अपनी यहाँ मस्त मस्तियाँ पलेगी।।
………..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
02-12-2023शनिवार