2765. *पूर्णिका*
2765. पूर्णिका
देखा जिसने त्याग हमारा
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देखा जिसने त्याग हमारा ।
देता हरदम साथ हमारा।।
दुनिया तो बस वाह करेंगे।
साथी अपना हाथ हमारा ।।
बहता रहता है प्रेम जहाँ ।
नाता हमसे नाथ हमारा ।।
एक यहाँ ये खून पसीना ।
करते जय जगन्नाथ हमारा ।।
इतिहास रचेंगे हम खेदू ।
चमके देखो माथ हमारा ।।
……..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
26-11-2023रविवार