2752. *पूर्णिका*
2752. पूर्णिका
पास तुम्हारें क्या है देखो
22 22 22 22
पास तुम्हारें क्या है देखो।
साथ तुम्हारें क्या है देखो।।
पाते हैं सब ,हो इच्छा-शक्ति ।
आज तुम्हारें क्या है देखो।।
रोज बदलता मौसम पल पल ।
रंग तुम्हारें क्या है देखो।।
दुनिया अपनी कैसी होती ।
सोच तुम्हारें क्या है देखो।।
मन जीतेगा खेदू सबका।
हाथ तुम्हारें क्या है देखो।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
23-11-2023गुरूवार