*चार दिवस मेले में घूमे, फिर वापस घर जाना (गीत)*
संसार एवं संस्कृति
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
तुम हमेशा से मेरा आईना हो॥
Don't leave anything for later.
दिलकश है मेरा भारत, गुलशन है मेरा भारत ,
मेरी माँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
हमारे जैसों की समाधि के चौरे पर कोई आकर सुवासित पुष्प क्यों
मधुब्रत गुंजन: एक अनूठा उपहार