इंसान एक दूसरे को परखने में इतने व्यस्त थे
अंतर्राष्ट्रीय पाई दिवस पर....
बेशर्मी से ... (क्षणिका )
यूं साया बनके चलते दिनों रात कृष्ण है
*चलो नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं*.....
रामलला वैश्विक बदलाव और भारतीय अर्थव्यवस्था
*दो तरह के कुत्ते (हास्य-व्यंग्य)*
मोबाइल महात्म्य (व्यंग्य कहानी)
कवि और केंकड़ा ( घनाक्षरी छंद)
Not the people but the mind, Not the storm but the silence,
दो रंगों में दिखती दुनिया
तमाम उम्र अंधेरों ने मुझे अपनी जद में रखा,
मुझे भी बतला दो कोई जरा लकीरों को पढ़ने वालों
तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं
हम हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान है