2734. *पूर्णिका*
2734. पूर्णिका
सच्चे रिश्तें कभी नहीं टूटते
1212 1212 212
सच्चे रिश्तें कभी नहीं टूटते।
पक्के रिश्तें कभी नहीं टूटते।।
कली खिले चमन भले बदल दे।
जमीं यकीं कभी नहीं टूटते।।
विश्वास है अटूट जिन पर यहाँ ।
यहाँ वहाँ कभी नहीं टूटते।।
जर्रा जर्रा महक बने देख लो ।
जुड़ी कड़ी कभी नहीं टूटते।।
रखे रहे जमीर खेदू जहाँ ।
कहर कहीं कभी नहीं टूटते ।।
…………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
18-11-2023शनिवार